सितारगंज जेल से फरार उम्र कैदी ने राजस्थान में फर्जी नाम से बनवा लिया था आधार कार्ड, एसटीएफ ने काफी प्रयास के बाद पहचाना, फिर किया गिरफ्तार

देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ की बड़ी कार्यवाही , स्मार्ट पुलिसिंग में उत्तराखंड एसटीएफ ने साबित किया अपना दमखम। वर्ष 2023 से फरार 50 हजार का ईनामी हत्यारे जरनैल सिंह को थाना देचू, जिला फलोदी, जोधपुर राजस्थान से थाना सितारगंज पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया है। कातिल ने जेल से फरार होने के बाद फर्जी नाम से आधार कार्ड बनवा लिया था।

ईनामी अपराधी द्वारा वर्ष 1995 में थाना नानकमत्ता क्षेत्र में अपने साथियों के साथ मिलकर एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। उक्त मुकदमें में वह सितारगंज जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।दिनाँक 27/08/23 को जरनैल सिंह सेन्ट्रल जेल सितारगज जेल फरार हो गया उक्त सम्बन्ध में थाना सितारगंज में उसके विरुद्ध मुकदमा एफआईआर सं0 243/23 धारा 223/224 आईपीसी पंजीकृत किया गया तथा उस पर ईनाम घोषित किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ नवनीत सिंह द्वारा पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ आर0बी0 चमोला के निकट पर्यवेक्षण में एक टीम का गठन कर उपरोक्त लम्बे समय से फरार अपराधी की गिरफ्तारी हेतु उचित दिशा-निर्देश दिये गये। इसी क्रम में एसटीएफ की कुमायूँ युनिट द्वारा थाना सितारगंज जनपद ऊधमसिंह नगर पुलिस को साथ लेकर परसों 07 फरवरी देर रात्रि थाना सितारगंज जनपद ऊधमसिंह नगर के 50 हजार के ईनामी हत्यारे जरनैल सिंह पुत्र बंजारा सिंह निवासी ग्राम बिचई नानकमत्ता को सुदूर राजस्थान के फलोदी जनपद से गिरफ्तार किया है, जोकि वर्ष 2023 में सेन्ट्रल जेल सितारगंज से फरार हो गया था।
पकड़े गए ईनामी की गिरफ्तारी के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि एसटीएफ की गठित टीम द्वारा प्राप्त तकनीकी तथा भौतिक सूचनाओं का विश्लेषण करते हुये अपने अथक प्रयास से उक्त अपराधी की पहचान स्थापित की फिर टीम के द्वारा राजस्थान से उसकी गिरफ्तारी की गयी। एसटीएफ की इस कार्यवाही में हे0का0 मोहित वर्मा, हे0का0 किशोर कुमार व सर्विलांस में किशन चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

अभियुक्त जरनैल सिंह द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर 14 अगस्त 1995 को नानकमत्ता क्षेत्र में मक्खन सिंह नामक एक व्यक्ति की गोलियाँ मारकर हत्या कर दी थी जिस सम्बन्ध में मृतक के पिता चरण सिंह पुत्र धुमा सिंह निवानी नगला थाना नानकमत्ता जिला ऊधमसिंह नगर द्वारा नानकमत्ता थाने में मुकदमा एफआईआर सं0 310/95 धारा 302/34 आईपीसी पंजीकृत कराया गया था। उक्त मुकदमें में अभियुक्त को न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी तब से अभियुक्त सितारगंज जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। दिनांक 27 अगस्त 2023 को वह सितारगंज जेल से फरार हो गया। तब उसके विरुद्ध एक और मुकदमा सितारगंज थाने में पंजीकृत कराया गया और पकड़े ना जाने पर पहले 25 हजार रु. व बाद में 50 हजार का ईनाम घोषित किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ नवनीत सिंह के निर्देशन में जेल से फरार अपराधी जरनैल सिंह से सम्बन्धित पुर्व में किये गये तकनीकी एवं भौतिक सूचनाओं जैसे अपराधी का फिंगर प्रिन्ट, वाईस सैम्पल व अन्य दस्तावेजों का पुनः बारीकी से विशलेषण किया गया। विश्लेषण से प्राप्त नए तथ्यों का डिजीटल एवं भौतिक सत्यापन हेतु टीम को पंजाब व राजस्थान भेजा गया। टीम द्वारा एक संदिग्ध व्यक्ति को चिन्ह्ति किया गया जिसके पास सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह निवासी बार्डर 24 डबलीराठान, हनुमानगढ़ राजस्थान का आधार पहचान पत्र था। अपराधी के चेहरे के मिलान हेतु भी विभिन्न साफ्टवेयर का प्रयोग किया, टीम द्वारा पहचान को स्थापित हो जाने पर अभियुक्त को दिनांक 07.02.2025 को राजस्थान से गिरफ्तार कर सम्बन्धित माननीय न्यायालय प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त कर आज उत्तराखण्ड लाया गया।
अभियुक्त जरनैल सिंह ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उपरोक्त अभियोग में आजीवन कारावास की सजा मिलने पर मैं सितारगंज जेल में बन्द था दिनांक 27 अगस्त 23 को मैं मौका पाकर जेल से फरार हो गया और सीधे भागकर पंजाब गया जहाँ फाजलक्का थाना सिटी-1 जिला फाजलक्का में मेरा परिवार रहता है और तुरन्त ही वहाँ से भागकर यहाँ राजस्थान में जोधपुर के पास देचू थाना क्षेत्र में आ गया यहाँ सम्पत नाम के व्यक्ति के घऱ में रहकर उसके साथ मजदूरी करने लगा यहीँ से मैंने सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह के नाम से फर्जी आधार कार्ड बना लिया।

उत्तराखण्ड एसटीएफ टीम में निरीक्षक एमपी सिंह, उपनिरीक्षक के0जी0मठपाल, हे0का0 किशोर कुमार, हे0का0 सुरेंद्र कनवाल
कांस्टेबल मोहित वर्मा, ओ0पी0 कृष्ण चंद्र शर्मा (सर्विलेंस), थाना सितारगंज पुलिस टीम में उपनिरीक्षक दीपक कौशिक, कांस्टेबलअमित जोशी व राजेन्द्र गोस्वामी शामिल थे।

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