गाजियाबाद में कारोबारी के परिवार के 7 लोगों का सामूहिक नरसंहार करने वाले ड्राइवर को फांसी की सजा

गाजियाबाद शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत नई बस्ती में करीब 9 साल पहले एक ही परिवार के 7 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। तभी से यह मामला गाजियाबाद कोर्ट में चल रहा था। इस मामले में गाजियाबाद कोर्ट ने मृतक परिवार के पुराने ड्राइवर राहुल वर्मा को शनिवार को दोषी ठहराया था। रविवार को कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया और राहुल वर्मा को आईपीसी की धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 50 हजार जुर्माना भी लगाया है। मृतक परिवार के वकील देवराज सिंह का कहना है कि आखिरकार इस मामले में 9 साल की कानूनी लड़ाई के बाद न्याय की जीत हुई है।

बताते चले कि गाजियाबाद शहर कोतवाली क्षेत्र के नई बस्ती इलाके में 22 मई 2013 को जघन्य हत्याकांड हुआ था। जिसमें एक कारोबारी के पूरे परिवार को खत्म कर दिया गया था। इस हत्याकांड में 7 लोगों की हत्या की गई थी। उस दौरान खल-चूरी का कारोबार करने वाले सतीश गोयल उनकी पत्नी मंजू गोयल, सतीश गोयल का बेटा सचिन गोयल, सचिन गोयल की पत्नी रेखा गोयल के अलावा सचिन के तीन बच्चे हनी, अमन और मेघा को मौत के घाट उतार दिया गया था। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए सतीश गोयल के पुराने ड्राइवर राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था।

पुलिस की छानबीन में सामने आया था कि राहुल वर्मा पहले इनका ड्राइवर था और नशे का आदी था। राहुल को पैसे की आवश्यकता थी। इसलिए वह चोरी करने के लिए रात को कारोबारी के घर में घुसा था। लेकिन, इसी बीच परिवार के किसी सदस्य ने उसको देख लिया था। जिसके चलते उसने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था। तभी से यह मामला गाजियाबाद न्यायालय में चल रहा था।

बता दें कि इस मामले में सरकार की तरफ से 28 और मृतक की तरफ से दो गवाहों के बयान हुए। तमाम गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायालय ने इस मामले में राहुल वर्मा को शनिवार को दोषी करार दिया था। वहीं रविवार को कोर्ट ने धारा 302 के तहत फांसी की सजा का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के फैसले के बाद मृतक सतीश के करीबी रहे सचिन मित्तल ने बताया कि 9 साल 2 महीने की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आज जीत हासिल हुई है, उन्हें कानून पर पूरा भरोसा था।

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